“नैतिक कहानियाँ” (Moral stories in hindi) वह कालातीत और मनोरम आख्यान हैं, जो संस्कृतियों और पीढ़ियों से परे हैं, आकर्षक और सुलभ तरीके से मूल्यवान जीवन का सबक और नैतिक सिद्धांत प्रदान करती हैं। ये कहानियाँ ज्ञान के गहन संवाहक के रूप में काम करती हैं, जो हमें मानव व्यवहार, गुणों और हमारे कार्यों के परिणामों के बुनियादी पहलुओं को सिखाती हैं।

नैतिक कहानी का अर्थ क्या है? नैतिक कहानियाँ हमें गहन प्रश्नों और दुविधाओं पर विचार करने के लिए आमंत्रित करती हैं, धीरे-धीरे हमें अपनी मान्यताओं, मूल्यों और नैतिक सीमाओं का सामना करने के लिए प्रेरित करती हैं। वे हमें बेहतर विकल्प चुनने और धार्मिकता का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं, समाज में सकारात्मक योगदान देने वाले नेक व्यक्ति बनने की इच्छा पैदा करती हैं।

सबसे अच्छी नैतिक कहानी कौन सी है? महज़ मनोरंजन से परे, नैतिक कहानियाँ एक आंतरिक शिक्षाप्रद मूल्य रखती हैं, जो सहानुभूति और विविध दृष्टिकोणों और संस्कृतियों की समझ को बढ़ावा देती हैं। वे भावनात्मक बुद्धिमत्ता का पोषण करती हैं और आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करती हैं, हमारे भीतर करुणा और सहिष्णुता के बीज का पोषण करती हैं।

मोरल स्टोरी क्या है? पूरे इतिहास में, ये कहानियाँ संस्कृतियों की संरक्षक रही हैं, हमारे पूर्वजों के ज्ञान को संरक्षित करती रही हैं और इसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाती रही हैं। प्राचीन ग्रीस की ईसप की दंतकथाओं से लेकर यीशु के दृष्टांतों तक, और भारत की पंचतंत्र की कहानियों से लेकर विभिन्न स्वदेशी संस्कृतियों की लोककथाओं तक, नैतिक कहानियों ने मानवता की सामूहिक चेतना पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

ऐसी दुनिया में जहां जटिलताएँ और चुनौतियाँ बहुत अधिक हैं, नैतिक कहानियाँ (moral stories in hindi) प्रकाश की किरण के रूप में खड़ी हैं, जो धार्मिकता और नैतिक शुद्धता का मार्ग रोशन करती हैं। वे हमें याद दिलाती हैं कि, हमारे मतभेदों के बावजूद, हम एक सामान्य मानवीय अनुभव और अच्छाई की सहज इच्छा साझा करते हैं।

निष्कर्षतः, नैतिक कहानियाँ केवल कहानियाँ नहीं हैं, बल्कि ज्ञान का गहन भंडार हैं, जो स्थायी जीवन सबक, नैतिक मूल्य और मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान करती हैं। वे कालजयी जहाज़ हैं, जो मानवता की सामूहिक चेतना को लेकर चलती हैं, हमारे दिल और दिमाग को अपनी शाश्वत रोशनी से रोशन करती हैं।

सबसे अच्छी कहानी कौन सी है? सबसे अच्छी कहानीयां वो हैं, जिन कहानियों को हम अपनाते हुए, व्यक्तिगत विकास और परिवर्तन की यात्रा पर निकलते हैं, खुद का बेहतर संस्करण बनने और दुनिया को अधिक दयालु और धार्मिक स्थान बनाने की कोशिश करते हैं।

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कहानी नंबर 1 – लोमड़ी और सारस – Top 10 moral stories in hindi

एक स्वार्थी लोमड़ी ने एक बार एक सारस को रात के खाने के लिए आमंत्रित किया। निमंत्रण से सारस बहुत प्रसन्न हुआ। वह समय पर लोमड़ी के घर पहुँच गया और अपनी लंबी चोंच से दरवाज़े को खटखटाया। लोमड़ी ने दरवाज़ा खोला और उसे खाने की मेज़ तक ले गई। लोमड़ी ने सारस के सामने उथले (कम गहरे) कटोरे में सूप रख दिया।

सारस ने सूप पीने की बहुत कोशिश की लेकिन उथले कटोरे के कारण वह सूप नही पी पाया। दूसरी ओर, लोमड़ी ने जल्दी से अपना सूप पी लिया। सारस समझ गया कि लोमड़ी ने यह सब जानबूझ कर किया है। उसे यह बात बहुत बुरी लगी लेकिन उसने लोमड़ी को कुछ भी मेहसूस होने नही दिया।

उसने लोमड़ी को सबक सिखाने के लिए अगले दिन उसे भोजन करने के लिए अपने घर पर आमंत्रित किया। जब लोमड़ी उसके घर आयी तो सारस ने उसे पतले और गहरे फूलदान में सूप परोसा। सारस ने फूलदान से सूप पी लिया, लेकिन लोमड़ी अपनी छोटी गर्दन के कारण सूप नही पी पाई। यह सब देख कर लोमड़ी को एहसास हुआ कि उसने गलती की है। फिर उसने अपने गलत स्वाभाव के लिए सारस से माफी मांगी।

कहानी की नीति (Moral of the story) – कभी स्वार्थी मत बनो। आप जैसा करेंगे वही आपके सामने आएगा।

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कहानी नंबर 2 – लाठियों का एक बंडल – Top 10 moral stories in hindi

एक बार की बात है, एक गाँव मैं एक व्यक्ति अपने तीन बेटों के साथ रहता था। तीनों बेटे बहुत मेहनती थे, लेकिन फिर भी वे हमेशा आपस मैं एक दूसरे से लड़ते रहते थे। उस बूढ़े व्यक्ति ने उन्हें एक साथ लाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा। कई महीने बीत गए और वह बूढ़ा व्यक्ति अब बीमार हो गया।

उसने अपने बेटों से एकजुट रहने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने उसकी बात नहीं मानी। परिणामस्वरूप, उसने उन सब को एक व्यावहारिक सबक सिखाने का फैसला किया। ताकि वे अपने मतभेदों को एक तरफ रख सकें और एकजुट रहें। फिर एक दिन बूढ़े व्यक्ति ने अपने बेटों को बुलाया और उनसे कहा कि “मैं तुम्हें दस लकड़ियों का एक बंडल दूँगा,”।

तुमको उस बंडल से प्रत्येक छड़ी को अलग अलग निकाल कर आधा तोड़ना होगा। जो कोई भी सबसे तेज़ी से लाठी तोड़ेगा उसे अधिक इनाम दिया जाएगा। इतना सुनते ही बेटे सहमत हो गए। बूढ़े व्यक्ति ने उनमें से प्रत्येक को दस छड़ियों का एक बंडल दिया और उन्हें प्रत्येक छड़ी को टुकड़ों में तोड़ने का निर्देश दिया।

उन्होंने कुछ ही मिनटों में लाठियाँ चकनाचूर कर दीं और एक बार फिर इस बात पर बहस करने लगे कि ऐसा करने वाला पहला व्यक्ति कौन था। बूढ़े ने कहा, “मेरे प्यारे बेटों, खेल अभी ख़त्म नहीं हुआ है। अब मैं तुम्हें लकड़ियों का एक और गट्ठर दूँगा। बस इस बार तुम्हें उन्हें अलग-अलग नहीं, बल्कि पूरे बंडल को एक साथ तोड़ना होगा”। बेटे तुरंत सहमत हो गए।

फिर पिता ने प्रत्येक लड़के को दस लकड़ियों का एक और बंडल दिया, और उन्हें निर्देश दिया कि इस बार वे उन दस की दस लकड़ियों के बंडल को एक साथ तोड़ें। उन सभी ने लकड़ियों का बंडल तोड़ने का बहुत प्रयास किया। लेकिन अपने सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, वे बंडल को तोड़ने में असफल रहे।

बेटों ने अपने पिता को अपनी असफलता के बारे में बताया, और कहा कि पिताजी हम इस बंडल को नही तोड़ पा रहे हैं। तब इस बात पर उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा “प्यारे बेटों” देखा! एक एक कर के छड़ियों को टुकड़ों में तोड़ना आसान था, लेकिन एक साथ पूरे बंडल को विभाजित करना असंभव था! इसलिए, जब तक आप एकजुट होते हैं तो कोई भी आपको नुकसान नहीं पहुँचा सकता।

बूढ़े व्यक्ति ने आगे कहा, “मैं तुम तीनो से अनुरोध करता हूं कि एकजुट होकर रहो” जिससे कोई भी तुम्हें नुकसान ना पहुंचा सके । बेटों ने एकता का मूल्य देखा और उन्हें एहसास हुआ कि एकता में ही ताकत है। उन्हें अपने बूढ़े बाप की बात समझ मैं आ गयी, और उन्होंने अपने पिता से वादा किया कि अब वे सभी एक साथ रहेंगे।

कहानी की नीति (Moral of the story) – एकता मैं ही ताकत है।

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Top 10 moral stories in hindi

कहानी नंबर 3 – लड़का और भेड़िया – Top 10 moral stories in hindi

एक गाँव मैं एक लड़का था जो पहाड़ी पर अपनी भेड़ों को चराने के लिए ले जाता था। वह रोज़ चरती भेड़ों को देखकर ऊब जाता था। एक दिन अपना मनोरंजन करने के लिए उसे एक तरकीब सूझी। वह ज़ोर से चिल्लाने लगा, भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया! भेड़ का पीछा कर रहा है! जब ग्रामीणों ने उसकी चीख सुनी तो वे भेड़िये को भगाने के लिए पहाड़ी पर दौड़ते हुए आये।

लेकिन, जब वे वहाँ पहुंचे तो उन्हें कोई भेड़िया नहीं दिखा। इससे सारे गाँव वाले बहुत गुस्सा हुए, लेकिन उनके क्रोधित चेहरों को देखकर लड़के को खुशी हुई। ग्रामीणों ने उसे चेतावनी दी कि आगे से ऐसा झूठ नही बोलना, जब कोई भेड़िया है ही नही तो क्यों चिल्ला रहे हो। और सब लोग गुस्से में वापस पहाड़ी से नीचे चले गये।

कुछ देर बाद, अपने मनोरंजन के लिए, चरवाहा लड़का एक बार फिर चिल्लाया, भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया, भेड़ का पीछा कर रहा है! उसकी आवाज़ सुनकर ग्रामीण भेड़िये को डराने के लिए फिर से पहाड़ी पर दौड़ आये। जब उन्होंने देखा कि वहाँ कोई भेड़िया नहीं है, तो उन्होंने फिर उसे सख्ती से समझाया कि, “जब वास्तव में कोई भेड़िया आये तो ही चिल्लाओ और जब कोई भेड़िया है ही नही तो ‘भेड़िया’ ‘भेड़िया’ क्यों चिल्ला रहे हो। और झूठ बोल कर हमें क्यों परेशान कर रहे हो।

इतना कह कर एक बार फिर सब लोग बड़बड़ाते हुए पहाड़ी से नीचे उतर रहे थे, तो लड़का उनकी बातों पर मुस्कुराने लगा।कुछ देर के बाद, लड़के ने एक असली भेड़िये को अपने झुंड के चारों ओर घूमते देखा। चिंतित होकर, वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया और जितना ज़ोर से चिल्ला सकता था, चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया!” लेकिन गाँव वालों को लगा कि वह उन्हें फिर से बेवकूफ बना रहा है, और इसलिए वे मदद के लिए नहीं आए।

सूर्यास्त के समय, ग्रामीण उस लड़के की तलाश में निकले क्योंकी वह अभी तक अपनी भेड़ों के साथ वापस नहीं लौटा था। जब वे पहाड़ी पर चढ़े, तो उन्होंने उसे एक पथ्थर के पीछे रोते हुए पाया। लोगों ने उससे पूछा कि क्या हुआ तो वह रोते रोते बोला कि “यहाँ सचमुच एक भेड़िया था! भेड़िये को देख कर मेरा भेड़ों का झुंड भाग गया! मैं चिल्ला रहा था, ‘भेड़िया! ”भेड़िया!’ लेकिन आप लोगों मैं से कोई भी नहीं आया।

उन लोगों में से एक बूढ़ा आदमी लड़के को सांत्वना देने आगे बढ़ा और उसके पास गया। उस बूढ़े व्यक्ति ने उसके सर पर हाथ रख कर कहा कि बेटा “कोई भी झूठ बोलने वाले पर विश्वास नहीं करता, भले ही वह सच बोल रहा हो! क्योंकी तुमने दो बार झूठ बोला कि भेड़िया आ गया और सब लोग इस बात पर विश्वास करके कि तुम सच बोल रहे हो तुम्हें और तुम्हारी भेड़ों को बचाने के लिए आ गये।

लेकिन जब सच में भेड़िया आया और तुम चिल्लाये तो सब लोग समझे की तुम अभी भी झूठ बोल रहे हो। इस लिए जब भी बोलो सच ही बोलो, मज़ाक मैं भी झूठ नही बोलना चाहिए क्योंकी इससे अपना ही नुकसान हो जाता है। उस लड़के को अपनी गलती का एहसास हो गया और उसने आगे से मज़ाक मैं भी झूठ ना बोलने का संकल्प लिया।

कहानी की नीति (Moral of the story) – झूठ विश्वास तोड़ता है, बार बार झूठ बोलने से लोग विश्वास करना छोड़ देते हैं।

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Farmer and the well

कहानी नंबर 4 – किसान और कुआँ – Top 10 moral stories in hindi

एक दिन, एक किसान अपने खेत के लिए पानी के स्रोत की तलाश कर रहा था। तभी उसे अपने पड़ोस मैं एक कुआँ दिखा तो उसने अपने पड़ोसी से उस कुएं को खरीदने की बात कही। इसपर वह पड़ोसी राज़ी हो गया और किसान ने वह कुआँ खरीद लिया। हालाँकि, पड़ोसी बहुत चालाक था। अगले दिन, जब किसान अपने कुएं से पानी लेने आया, तो पड़ोसी ने उसे पानी लेने से मना कर दिया।

जब किसान ने पूछा कि ऐसा क्यों, तो पड़ोसी ने उत्तर दिया, “मैंने तुम्हें कुआँ बेचा है, पानी नहीं,” इसलिए तुम इस कुएं से पानी नही निकाल सकते और इतना कह कर वहाँ से चला गया। परेशान होकर किसान न्याय मांगने के लिए वहाँ के राजा के पास गया। उसने उन्हें सारी बात बताई कि क्या हुआ था।

राजा ने अपने नौ सबसे बुद्धिमान दरबारियों में से एक बीरबल को बुलाया और उससे इस समस्या का हल पूछा। बीरबल ने उस किसान से कहा कि अपने पड़ोसी को कल दरबार मैं लेकर आना। अगले दिन वह किसान अपने पड़ोसी को दरबार मैं लेकर आया। बीरबल ने उसके पड़ोसी से सवाल किया; जब तुमने किसान को कुआँ बेच दिया है, तो तुम इस किसान को कुएं से पानी क्यों नहीं लेने देते?

पड़ोसी ने उत्तर दिया, “बीरबल जी”, मैंने किसान को कुआँ तो बेच दिया, लेकिन उसका पानी नहीं बेचा। इसलिए इसको उस कुएँ से पानी भरने और निकालने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकी पानी पर तो मेरा अधिकार है। बीरबल उसकी चालाकी को समझ गया और उसने कहा, देखो, चूँकि तुमने कुआँ बेच दिया है, इसलिए तुम्हें किसान के कुएँ में पानी रखने का भी कोई अधिकार नहीं है।

या तो तुम किसान को अपना पानी इसके कुएँ मैं रखने के लिए लगान दो, या तुरंत अपना पानी इसके कुएँ से निकाल लो। बीरबल की यह बात सुन कर वह चुप हो गया और उसे महसूस हो गया कि उसकी योजना विफल हो गई है। उसने पड़ोसी किसान से माफी मांगी और घर चला गया।

कहानी की नीति (Moral of the story) – धोखा देने से आपको कुछ नहीं मिलेगा। यदि आप किसी को धोखा देते हैं, तो आपको जल्द ही इसका भुगतान करना पड़ेगा।

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Two friends and a bear

कहानी नंबर 5 – दो दोस्त और भालू – Top 10 moral stories in hindi

एक दिन, दो दोस्त जंगल से गुज़र रहे थे। वे जानते थे कि जंगल एक खतरनाक जगह है और कुछ भी हो सकता है। कोई भी जंगली जानवर कहीं से भी आ सकता है। इसलिए उन्होंने किसी भी खतरे की स्थिति में एक-दूसरे के साथ रहने का वादा किया। अचानक, उनके सामने एक बड़ा भालू आ गया और उन्हें देख कर उनकी ओर बढ़ने लगा।

यह देख कर एक दोस्त जल्दी से पास के एक पेड़ पर चढ़ गया और दूसरे दोस्त को पीछे छोड़ दिया। दूसरे दोस्त को नहीं पता था कि पेड़ पर कैसे चढ़ना है, इसलिए वह नीचे ही रह गया। लेकिन उसने दिमाग लगाया और सामान्य ज्ञान का पालन किया। वह ज़मीन पर लेट गया और मृत होने का नाटक करते हुए, बेदम होकर साँस रोक कर वहीं पड़ा रहा।

भालू जमीन पर लेटे हुए दोस्त के पास पहुंचा। भालू ने उसके कान और मूँह को सूंघा और उसे मरा हुआ समझ कर वहाँ से चला गया। क्योंकि भालू कभी भी मरे हुए लोगों को नहीं छूते।जब भालू वहाँ से चला गया और पेड़ पर छिपा हुआ दोस्त नीचे आ गया।

उसने अपने दोस्त से पूछा, “मेरे प्यारे दोस्त, भालू ने तुम्हारे कान मैं कौन सा रहस्य बताया?” मित्र ने उत्तर दिया, “भालू ने मुझसे बस यही कहा कि मुसीबत मैं साथ छोड़ देने वाला कभी भी सच्चा दोस्त नही हो सकता। इतना कहकर वह वहाँ से चला गया, और उस मतलबी दोस्त का साथ छोड़ दिया।

कहानी की नीति (Moral of the story) – एक सच्चा दोस्त किसी भी परिस्थिति में हमेशा आपका साथ देगा और आपके साथ खड़ा रहेगा।

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Hen and golden egg

कहानी नंबर 6 – मुर्गी और सुनहरे अंडे – Top 10 moral stories in hindi

एक बार की बात है, एक किसान के पास एक मुर्गी थी। वह प्रतिदिन एक सोने का अंडा देती थी। सोने के अंडे से किसान और उसकी पत्नी को उनकी दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध होने लगा। इस तरह किसान और उसकी पत्नी की गरीबी दूर हो गयी और वे खुशी से अपना जीवन व्यतीत करने लगे।

लेकिन एक दिन किसान के मन में लालच के कारण यह विचार आया कि, हमें प्रतिदिन केवल एक ही अंडा क्यों लेना चाहिए? हम उन सभी अंडों को एक साथ क्यों नहीं निकाल सकते और ढेर सारा पैसा क्यों नहीं कमा सकते? किसान ने अपनी पत्नी को अपना विचार बताया, और वह मूर्खतापूर्वक सहमत हो गई।

फिर अगले दिन, जैसे ही मुर्गी ने एक सुनहरा अंडा दिया, किसान ने तुरंत एक तेज़ चाकू चलाकर उस मुर्गी को मार डाला। और सभी सुनहरे अंडे पाने की उम्मीद में उसका पेट काट दिया। लेकिन जैसे ही उसने पेट खोला, उसे केवल आंत और खून मिला। किसान को तुरंत अपनी मूर्खतापूर्ण गलती का एहसास हुआ, और वह अपने खोए हुए संसाधन पर रोने लगा। जैसे-जैसे दिन बीतते गए, किसान और उसकी पत्नी और अधिक गरीब होते गए। वे कितने लालची और कितने मूर्ख थे।

कहानी की नीति (Moral) – सोचने से पहले कभी कार्य न करें, और हमेशा याद रखें कि लालच बुरी बला है।

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The proud rose

कहानी नंबर 7 – लाल गुलाब और केकटस – Top 10 moral stories in hindi

एक बार की बात है, दूर रेगिस्तान में एक गुलाब का फूल रहता था। उसे अपनी सुन्दरता पर बहुत घमंड था। उसकी एकमात्र शिकायत यह थी कि उसके पास मैं एक बदसूरत कैक्टस उगा हुआ था। हर दिन खूबसूरत गुलाब कैक्टस का अपमान करता था। और उसकी शक्ल देखकर उसका मज़ाक उड़ाता था, जबकि कैक्टस शांत रहता था।

आस-पास के अन्य सभी पौधों ने गुलाब को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह अपने ही रूप से बहुत प्रभावित था।एक चिलचिलाती गर्मी में, रेगिस्तान सूख गया, और पौधों के लिए पानी नहीं बचा। गुलाब जल्दी ही मुरझाने लगा। उसकी खूबसूरत पंखुड़ियाँ सूख गईं, अपना रसीला रंग खो दिया।

कैक्टस की ओर देखते हुए उसने देखा कि एक गौरैया ने पानी पीने के लिए अपनी चोंच कैक्टस में डूबा रखी है। हालांकि शर्मिंदा होकर, गुलाब ने कैक्टस से पूछा कि क्या उसे थोड़ा पानी मिल सकता है। दयालु कैक्टस तुरंत सहमत हो गया, और मित्र के रूप में, कठिन गर्मी में उस गुलाब की मदद की।

कहानी की नीति (Moral) – कभी भी किसी को उसके दिखने के तरीके से ना आंके। ज़रूरत पड़ने पर कोई भी कभी भी आपके काम आ सकता है।

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Monkey and a crocodile

कहानी नंबर 8 – बंदर और मगरमच्छ – Top 10 moral stories in hindi

यह पंचतंत्र की एक कहानी है। नदी तट पर एक बेरी के पेड़ पर एक बंदर रहता था। एक बार उसने पेड़ के नीचे एक मगरमच्छ देखा, जो भूखा और थका हुआ लग रहा था। उसने मगरमच्छ को खाने के लिए कुछ जामुन दिए। मगरमच्छ ने बंदर को धन्यवाद दिया और उसके दोस्तों में से एक बन गया।

बंदर मगरमच्छ को प्रतिदिन जामुन देता था। इस तरह दोनों मैं गहरी दोस्ती हो गयी। एक दिन बंदर ने मगरमच्छ को अपनी पत्नी के पास ले जाने के लिए अतिरिक्त जामुन दिए।उसकी पत्नी ने जामुन का आनंद लिया, लेकिन अपने पति से कहा कि वह बंदर का दिल खाना चाहती है। वह बहुत दुष्ट और चालाक थी।

मगरमच्छ परेशान था, लेकिन उसने फैसला किया कि उसे अपनी पत्नी को खुश करने के लिए अपने दोस्त बंदर का दिल लाना ही पड़ेगा। अगले दिन मगरमच्छ योजना बना कर बंदर के पास गया, और बोला कि उसकी पत्नी ने उसे खाने पर बुलाया है। बंदर यह सुन कर खुशी से तैय्यार हो गया।

मगरमच्छ ने बंदर को अपनी पीठ पर बैठाया और नदी के उस पार ले गया। उसने नदी पार करने के बाद बंदर को अपनी पत्नी की इच्छा बताई। बंदर ने सारी बात सुनकर खुद को बचाने के लिए दिमाग लगाया। फिर उसे एक तरकीब सूझी और उसने मगरमच्छ से कहा कि अगर यह बात थी तो तुम मुझे पहले ही बता देते।

अब तो तुम्हारी बीवी की इच्छा पूरी नही हो सकती। इस पर मगरमच्छ ने पूछा क्यों पुरी नही हो सकती? बंदर बोला की यहाँ आने से पहले मैंने अपना दिल बेरी के पेड़ पर छोड़ दिया था। अगर तुम पहले ही मुझे बता देते तो मैं अपना दिल साथ लेकर आ जाता। अब अगर तुम्हेँ मेरा दिल चाहिए तो वापस लौटकर उसे लाना होगा।

मगरमच्छ तुरंत तैय्यार हो गया और वो दोनों दिल लेने के लिए वापस बेरी के पेड़ की तरफ चल दिये। जैसे ही नदी पार करके बेरी का पेड़ आया तो बंदर तुरंत पेड़ पर चढ़ गया और बोला, मैं तुम्हारे धोके को समझ गया था, इसलिए मैंने तुमसे झूठ बोला था कि मेरा दिल बेरी के पेड़ पर रह गया है, जबकि यह मेरे पास ही था।

बंदर ने मगरमच्छ से कहा कि मैंने तुम पर विश्वास किया था, लेकिन तुमने मेरे विश्वास को धोखा दिया है। इसका मतलब है कि हमारी दोस्ती अब खत्म हो गई है।

कहानी की नीति (Moral of the story) – कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति को धोखा न दें, जो आप पर भरोसा करता हो और अपने दोस्त सोच समझ कर चुनें।

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The foolish thief

कहानी नंबर 9 – मूर्ख चोर – Top 10 moral stories in hindi

एक दिन एक अमीर व्यपारी बीरबल से मदद पाने की उम्मीद में अकबर के दरबार में आया। उस आदमी को शक था कि उसके किसी एक नौकर ने उसके यहाँ चोरी की है। उसकी बात सुनकर चतुर बीरबल ने एक योजना बनाई, और व्यापारी के सभी नौकरों को दरबार मैं बुलाया और हर एक नौकर को एक ही लंबाई की छड़ियाँ दीं।

और उनसे यह कहा कि यदि उनमैं से कोई चोर है, तो उसकी छड़ी कल तक तीन इंच बड़ी हो जाएगी। अगले दिन सभी नौकर बीरबल के पास इकट्ठे हो गये। उसने देखा कि एक नौकर की छड़ी बाकी की तुलना में तीन इंच छोटी थी। बीरबल तुरंत समझ गया कि चोर कौन है।

बीरबल ने चोर से पूछा कि यह तीन इंच छोटी कैसे हुई तो, चोर बोला, मुझे लगा क्योंकी मैंने चोरी की है तो यह छड़ी तीन इंच बड़ी हो जाएगी। इसलिए मैंने छड़ी को रात मै ही तीन इंच छोटा कर दिया था। इससे उसका अपराध सिद्ध हो गया और चोर की पहचान हो गयी।

कहानी की नीति (Moral of the story) – सत्य हमेशा किसी न किसी तरीके से सामने आएगा, इसलिए बेहतर होगा कि शुरू से ही सच्चा रहा जाए।

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A glass of milk

कहानी नंबर 10 – दुध का एक गिलास – Top 10 moral stories in hindi

एक गरीब, कमजोर और भूखा बच्चा किताबों का बंडल लेकर पैदल अपने स्कूल जा रहा था। अचानक वह बेहोश होकर गिर पड़ा, और उसकी किताबें नीचे बिखर गयीं। एक गरीब महिला ने उसे देखा तो दौड़कर वहाँ पहुंची। उसने उठने में उसकी मदद की, उसकी किताबें इकट्ठी कीं और अपने साथ अपने घर ले गई।

उसके घर जाकर उस बच्चे ने पीने के लिए केवल थोड़ा सा पानी माँगा। महिला को उसकी भूख की स्थिति का एहसास हुआ और उसने उसे एक गिलास दूध दिया। लड़के ने कृतज्ञतापूर्वक उसे पी लिया और स्कूल चला गया। कईं वर्ष बीत गए। महिला बूढ़ी, कमज़ोर और बहुत बीमार हो गई।

उसे दूर एक बड़े मेडिकल इंस्टीट्यूट में ईलाज के लिए भर्ती कर दिया गया। वहाँ पर वरिष्ठ डॉक्टर ने, जो संस्थान के संचालक भी थे, उसकी जांच की, उसकी बीमारी का पता लगा कर उसकी तत्काल सर्जरी कर दी। सर्जरी के बाद उसे सबसे अच्छे कमरे में ले जाया गया। उसकी अच्छे से देखभाल की गयी और ध्यान रखा गया।

एक महीने के बाद, उसे सूचित किया गया कि वह अब पुरी तरह से स्वस्थ हो गयी है। उसे अगले दिन छुट्टी दे दी गई। वह बेचारी बहुत परेशान थी कि अस्पताल का बिल कैसे चुकायेगी। उसने बिल चुकाने के लिए अपना घर बेचने की योजना बनाई। उसने अस्पताल वालों से बिल मांगा तो उस बिल को देख कर वह चोंक गयी।

क्यों की बिल में संस्थान के संचालक द्वारा हस्ताक्षरित एक नोट था। जिसके शीर्ष पर लिखा था, “राशि का पूरा भुगतान एक गिलास दूध के द्वारा किया जा चुका है। अब वह उस संचालक का चेहरा पहचान गयी। ये वही लड़का था जिसकी उसने काफी समय पहले एक गिलास दूध देकर मदद की थी।

कहानी की नीति (Moral of the story) – जो लोग दूसरों पर दया करते हैं और उनकी मदद करते हैं, तो ईश्वर भी उनपर दया करता है और मुश्किलों मैं उनकी सहायता करता है।