Short Hindi stories, like many others, often contain moral lessons and serve as enjoyable ways to impart wisdom and values to readers and listeners of all ages. Short Hindi stories” refers to brief narratives or tales written or spoken in the Hindi language.
These stories are concise in length, typically spanning a few paragraphs to a few pages, making them easily consumable in a short amount of time. They come in various genres and can encompass a wide range of themes, including moral lessons, humor, adventure, romance, mystery, and more.
These stories are a popular form of literature and entertainment in India and among Hindi-speaking communities around the world. They are commonly found in books, magazines, newspapers, websites, and oral storytelling traditions. These stories are often used to convey cultural values, teach moral lessons, entertain, or simply share moments of creativity and imagination with the audience.
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Table of Contents
Short Hindi Stories – Short hindi motivational stories
![Short hindi motivational stories](https://moralstories.in/wp-content/uploads/2023/08/लक्कड़हारा-और-सुनेहरी-कुल्हाड़ी-1024x538.webp)
कहानी नंबर 1 – लकड़हारा और स्वर्ण कुल्हाड़ी – Short Hindi Stories
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक ईमानदार लकड़हारा रहता था। वह प्रतिदिन लकड़ियाँ काटने के लिए आसपास के जंगल में जाता था। वह गाँव वापस लौट कर उन लकड़ियों को एक व्यापारी को बेच देता था। लकड़ियाँ बैचकर जो पैसा मिलता था उससे ही वह अपना जीवन यापन करता था। और वह अपनी इस संयमित जीवनशैली से पूर्ण रूप से संतुष्ट था।
एक दिन जब वह नदी के पास एक पेड़ काट रहा था तो उसकी कुल्हाड़ी उसके हाथ से छूटकर नदी में गिर गयी। नदी गहरी हीने की वजह से वह इसे स्वयं प्राप्त करने की कल्पना भी नहीं कर सकता था। उसके पास केवल एक ही कुल्हाड़ी थी, जो नदी में गिर गयी थी। उसे चिंता हुई कि अब वह अपना जीवन यापन कैसे करेगा। अब उसने रोते हुए जल के देवता से मदद की प्रार्थना की।
“बुध” जल के देवता के रूप में प्रकट हुए। उन्होंने उससे पूछा कि तुम क्यों रो रहे हो। लकड़हारे ने सारी बात बताते हुए अपना असंतोष व्यक्त किया। जब बुध ने उसकी बात सुनी तो उन्होंने पानी को विभाजित कर दिया और उसे पानी से एक सोने की कुल्हाड़ी निकाल कर दी और कहा यह लो अपनी कुल्हाड़ी। लकड़हारे ने उस कुल्हाड़ी को लेने से इनकार कर दिया और कहा कि यह मेरी नही है। बुध ने अगली बार एक चाँदी की कुल्हाड़ी निकाल कर दी, लेकिन लकड़हारे ने उसे भी एक बार फिर यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह मेरी कुल्हाड़ी नही है।
इस बार बुध ने उसे वही कुल्हाड़ी निकाल कर दी जो उसकी अपनी थी तो इसे लकड़हारे ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। लकड़हारे की ईमानदारी को देख कर बुध बहुत प्रसन्न हुए, इसलिए उन्होंने ने उसे सोने और चाँदी की कुल्हाड़ी भी उपहार और आशीर्वाद के रूप मैं भेंट कर दी।
कहानी का नीति (Moral of the story) : ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।
Short Hindi Stories – Hindi short stories book
![Short hindi stories](https://moralstories.in/wp-content/uploads/2023/08/हवा-महल-1024x538.webp)
कहानी नंबर 2 – हवा मैं महल – Short Hindi Stories
एक गाँव में एक गरीब ब्राह्मण अकेला रहता था। उसका कोई दोस्त या रिश्तेदार नहीं था। वह कंजूस होने के लिए जाना जाता था और जीविका के लिए भीख मांगता था। भिक्षा के रूप में उसे जो भोजन मिलता था वह उसे एक मिट्टी के बर्तन में रख लेता था। जब उसे भूख लगती थी तो वह उस बर्तन मै से निकाल कर खा लेता था। और बाकी बचे खाने को अपने बिस्तर के पास लटका लेता था। इससे उसे भूख लगने पर आसानी से खाना मिल जाता था।
एक दिन भीख मैं उसे चावल का इतना दलिया मिल गया कि पेट भर भोजन करने के बाद भी उसके बर्तन में बहुत सारा दलिया बच गया। तो बाकी बचा दलिया उसने अपने बिस्तर के पास लटका लिया। उसी रात, उसने सपना देखा कि उसके बर्तन मैं चावल का बहुत सारा दलिया है। और अगर कभी अकाल पड़ेगा तो वह उस चावल के दलिऐ को बेच सकता है और उससे कुछ पैसे कमा सकता है।
उन पैसों से बकरियों की एक जोड़ी खरीदी जा सकती है। फिर उन बकरियों के जल्द ही बच्चे होंगे और उनका एक झुंड बन जाएगा। फिर इस झुंड के बदले में दूध देने वाली भैंसों को खरीदा जा सकता है। जिससे दूध का व्यापार किया जा सकता है और डेयरी उत्पाद बनाए जा सकते हैं। इन उत्पादों को बाज़ार में अधिक पैसे में बेचा जा सकता है। जब ज़्यादा पैसे हो जाएंगे तो उससे उसे एक अमीर महिला से विवाह करने में सहायता मिलेगी। और फिर शादी के बाद उसका एक बेटा भी होगा जिसे वह समान रूप से डांट और प्यार कर सकेगा।
उसने फिर सोचा कि अगर उसका बेटा उसकी बात नहीं मानेगा तो वह छड़ी लेकर उसे मारने के लिए उसके पीछे दौड़ेगा। सपने में डूबे ब्राह्मण ने अपने बिस्तर के पास से छड़ी उठाई और छड़ी से हवा में मारना शुरू कर दिया। इधर-उधर घुमाते हुए उसने अनजाने मैं मिट्टी के बर्तन पर छड़ी से प्रहार किया। बर्तन टूट गया और सारा सामान उसके ऊपर गिर गया। ब्राह्मण चौंककर उठा और उसे एहसास हुआ कि सब कुछ एक सपना था।
कहानी की नीति (Moral of the story) : कभी भी हवाई महल नहीं बनाना चाहिए। सिर्फ सपने देखने से काम नही चलेगा। अगर आप किसी चीज़ को हासिल करना चाहते हैं तो उसे पाने के लिए आपको मेहनत करनी होगी।
Short Hindi Stories – Short hindi stories by Premchand
![Short hindi stories by Premchand](https://moralstories.in/wp-content/uploads/2023/08/नीला-सियार-1024x538.webp)
कहानी नंबर 3 – नीला सियार – Short Hindi Stories
एक जंगल में एक सियार रहता था। वृद्धावस्था के कारण अब वह पहले की तरह शिकार नहीं कर पाता था। वह अक्सर भोजन की तलाश में गाँव में जाकर वहाँ घूमता रहता था। गाँव मैं बहुत से कुत्ते थे जो सियार को डराते थे। एक दिन सियार भोजन की तलाश में गाँव मैं घूम रहा था। कुत्तों ने उसे देख लिया तो वे उसके पीछे पड़ गये। सियार को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा और कपड़ा रंगने वालों की गली में घुस गया।
वहाँ उसे एक बड़ा बर्तन दिखाई दिया और वह अपनी जान बचाने के लिए बर्तन में छिपने के लिए कूद गया। कुत्ते उसे देख नहीं सके और वे दूसरी ओर भाग गए। बर्तन में कपड़े रंगने के लिए नीले रंग का घोल रखा हुआ था, जो सियार के पूरे शरीर पर लग गया था। जब वह उस बर्तन से बाहर आया तो देखा कि उसके शरीर का पूरा रंग नीला पड़ गया है। वह कुत्तों से बचते हुए वापस जंगल आ गया। जंगल मैं जो भी जानवर नीले रंग के सियार को देखता तो वह डर जाता और उससे दूर भाग जाता।
वह किसी भी अन्य जानवर से बहुत अलग दिखाई दे रहा था। सियार खुश था क्योंकि कोई भी जानवर उसे पहचान नहीं पा रहा था और सब उससे डर कर भाग रहे थे। जंगल में हर कोई ऐसे असामान्य जानवर को देखकर आश्चर्यचकित था। उसने सोचा कि अब वह जंगल में किसी भी जानवर को आसानी से बेवकूफ बना सकता है। स्थिति का लाभ उठाकर उसने स्वयं को पशु जगत का शासक घोषित कर दिया। उसकी बातें सुनकर शेर, बाघ और चीते आश्चर्यचकित हो गये। छोटे जानवर, शेर और बाघ सभी ने पूछा कि वह कौन है और उसे किसने भेजा है।
सियार ने जवाब दिया, मुझे स्वयं भगवान ने आपकी देखभाल के लिए भेजा है और मैं अब जंगल का राजा बनूँगा। अब से आप सभी को मेरी सेवा करनी होगी। शेर ने विरोध करते हुए कहा कि वह हमेशा से जंगल का राजा रहा है। बाघ जैसे कुछ जानवरों ने विरोध किया और पूछा कि अगर वे उसकी बात नहीं मानेंगे तो क्या होगा। सियार ने जवाब दिया कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो भगवान पूरे जंगल को नष्ट कर देंगे।
अपने जीवन और अपने जंगल के लिए डरे हुए जानवरों ने नीले सियार की बात मान ली और उस से पूछा कि वह उनसे क्या करवाना चाहता है। नीले सियार ने तुरंत कहा, “मेरे लिए ढे़र सारा खाना लाओ।” जानवर तेज़ी से भागे और सियार के लिए ढे़र सारा भोजन ले आए। उसके पास इतना भोजन था कि उसने अपना बचा हुआ भोजन अन्य जानवरों को दे दिया और उनसे कहा कि उसे हर दिन ऐसा ही ताज़ा ताज़ा भोजन परोसना होगा।
यहाँ तक कि उसने सियारों के झुंड को भी जंगल से बाहर फेंक दिया क्योंकि वह जानता था कि किसी दिन वे उसे ज़रूर पहचान लेंगे। कुछ दिनों तक उसका राज्य बहुत अच्छे से चलता रहा। लेकिन फिर एक दिन जब वह अपनी गुफा में आराम कर रहा था, तो उसे बाहर अन्य सियारों की आवाज़ सुनाई दी। वह भी बिना सोचे-समझे अपनी असली आवाज़ में गीदड़ों की तरह मिमियाने लगा। उसकी इस गलती के कारण, अन्य जानवरों ने तुरंत उसे सियार के रूप में पहचान लिया और उसे नष्ट कर दिया।
कहानी की नीति (Moral of the story) : कोई भी दिखावा लंबे समय तक नहीं टिक सकता, इसलिए बेहतर है कि हमेशा अपने असली रूप में रहें। अपने प्रति सच्चे रहें और ऐसे व्यक्ति होने का दिखावा न करें जो आप नहीं हैं।
Short Hindi Stories – Hindi short stories book
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कहानी नंबर 4 – अंगूर खट्टे हैं – Short Hindi Stories
एक दिन की बात है, एक जंगल मैं एक लोमड़ी थी जो बहुत भूखी थी। वह भोजन की तलाश में जंगल मैं भटक रही थी। उसने बहुत दूर तक खोजा, लेकिन उसे कुछ ऐसा नहीं मिला जिसे वह खा सके। अंत में थकान और भूख के कारण उसे चक्कर आ गया, और वह एक पेड़ से टकरा गयी। वह आराम करने के लिए वहीं बैठ गयी।
जब उसने पेड़ के शीर्ष पर देखा, तो उसे बहुत बड़े और रसीले अंगूर दिखाई दिए। ऐसे अंगूर उसने अपनी पूरी ज़िन्दगी कभी नहीं देखे थे। उनका रंग गहरा बैंगनी था, जिससे पता चल रहा था कि वे खाने के लिए तैयार हैं। लोमड़ी बहुत खुश हुई और उसने अंगूरों तक पहुँचने के लिए हवा में ऊँची छलांग लगाई। जैसे ही वह कूदी, उसने अंगूर पकड़ने के लिए अपना मुँह खोला, लेकिन ऊँचाई होने की वजह से वह चूक गयी। लोमड़ी ने फिर कोशिश की लेकिन वह फिर से चूक गई।
उसने कई बार कोशिश की लेकिन वह असफल होती रही।अंत में, लोमड़ी को लगा कि अब हार मानने और घर जाने का समय आ गया है। उसने वापस जाने का फैसला किया और वहाँ से वापस चलने लगी। जब वह वापस लौट रही थी तो, मन ही मन मैं अपने दिल को तसल्ली देने के लिए सोचने लगी कि, “मुझे यकीन है कि अंगूर वैसे भी खट्टे थे।”
कहानी की नीति (Moral of the story) : जब कोई असफल व्यक्ति किसी वस्तु को प्राप्त नहीं कर पाता है, तो उसे वह वस्तु तुच्छ और बेकार ही नज़र आती है।
Short Hindi Stories – Short hindi inspirational stories
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कहानी नंबर 5 – चींटी और टिड्डा – Short Hindi Stories
गर्मीयों का मौसम था। एक टिड्डा खेत में उछल-कूद कर रहा था, चहचहा रहा था और ज़ोर ज़ोर से गा रहा था। उसने देखा कि एक चींटी बड़ी मुश्किल से मक्के के दाने अपने घोंसले में खींचकर ले जा रही थी। टिड्डा यह सब देख रहा था तो उसने चींटी से कहा, “अपने जीवन मैं इतनी मेहनत करने के बजाय, आप मेरे पास आकर बातचीत क्यों नहीं करती। मेरी तरह ज़िन्दगी के मज़े क्यों नही लेती।
इसपर चींटी ने जवाब दिया कि, “मैं सर्दियों के मौसम के लिए भोजन के भंडारण में अपने साथियों की मदद कर रही हूं, और मेरा सुझाव है कि आप भी ऐसा ही करें। “टिड्डे ने पूछा, “सर्दियों की परवाह क्यों? फिलहाल, हमारे पास भरपूर खाना है।” टिड्डे की बात सुनकर चींटी मुस्कुराई और फिर से अपना संघर्ष शुरू कर दिया। कुछ महीनों के बाद सर्दियों का मौसम आ गया।
जब सर्दियाँ आईं, तो टिड्डा भूख से मर गया क्योंकी उसने अपने लिय पर्याप्त भोजन की व्यवस्था नही की थी और अपने भविष्य के बारे मैं पहले से नही सोचा था। जबकि चींटियाँ गर्मियों के दौरान जमा किए गए भंडार से मक्का और अनाज एक दूसरे के साथ बांट कर खा रही थीं।
कहानी की नीति ( Moral of the story) : अपने भविष्य के बारे मैं निरंतर सोचते रहें और संघर्ष करते रहें क्योंकी हर संघर्ष और कड़ी मेहनत का परिणाम सुखद होता है।
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